हाईकोर्ट का फैसला: बिना प्रमाण जीवनसाथी पर अवैध संबंध का आरोप लगाना क्रूरता
- By Vinod --
- Saturday, 30 Apr, 2022
High Court's decision: Cruelty to accuse spouse of illicit relationship without proof
चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि जीवनसाथी पर बिना किसी सुबूत अवैध संबंध का आरोप लगाना उसके और उसके परिवार के प्रति क्रूरता है। इसे आधार बनाते हुए दिया गया मोगा की फैमिली कोर्ट का फैसला बिलकुल सही है।
मोगा की फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए पति ने बताया था कि उसका विवाह 2011 में हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद ही उसे पता चल गया कि उसकी पत्नी गुस्सैल है। वह बात-बात पर झगड़ा करने लगी और अलग रहने के लिए दबाव बनाने लगी। 2013 में वह ससुराल छोडक़र मायके चली गई। पंचायत के बाद वह घर लौटी लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से वह पुरानी हरकतें दोहराने लगी। पत्नी का आरोप था कि पति के उसकी भाभी के साथ अवैध संबंध हैं।
सभी पक्षों को सुनने के बाद फैमिली कोर्ट ने पति के हक में फैसला सुनाते हुए तलाक का आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने पाया कि पत्नी ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि उसने पति पर अवैध संबंध का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार का आरोप बिना किसी प्रमाण के लगाना जीवनसाथी के प्रति क्रूरता की श्रेणी में आता है। इसी क्रूरता के आधार पर तलाक का आदेश दिया गया था जो बिलकुल सही है। इन टिप्पणियों के साथ ही पत्नी द्वारा फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।